KABIR SINGH MOVIE ANALYSIS
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KABIR SINGH SUPERHIT MOVIE |
दोस्तों अभी हाल ही में रिलीज हुई फ़़िल्म "कबीर सिंह" ने चारों ओर धूम मचा रखी है। आपकों जानकारी के लिए बता दें कि ये फ़िल्म तेलुगू फ़िल्म, अर्जुन रेड्डी (2017) का रीमेक है। इस फ़िल्म में शाहिद कपूर तथा कियारा आडवाणी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। इस फ़िल्म को भी तेलुगू निर्देशक संदीप वांगा ने ही बनाया है।
दरअसल तेलुगू फ़िल्म अर्जुन रेड्डी सुपरहिट रही लेकिन संदीप वांगा ने ये सपने में भी नहीं था कि ये फ़िल्म भी इतनी बड़ी करेगी।
फ़िल्म की कहानी है कबीर सिंह (शाहिद कपूर) की जो कि बहुत ज्यादा गुस्सैल है। इस वजह से आए दिन वह विवादों में उलझता रहता है। वह फाइनल ईयर MBBS मेडिकल स्टूडेंट है।
इसी कॉलेज में प्रीति (किआरा आडवाणी) फर्स्ट ईयर स्टूडेंट है। प्रीति को देखते ही कबीर का दिल उस पर आ जाता है। वो उसे दिलोंजान से प्यार करने लगता है और इसी के चलते कॉलेज में सभी विद्यार्थियों को धमकी देता है कि प्रीति सिर्फ उसकी है अगर किसी ने उसे परेशान किया तो उस से बुरा कोई नहीं होगा।
धीरे-धीरे प्रीति का दिल जीतने में कबीर कामयाब हो जाता है और दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगते हैं। कबीर को एमबीबीएस की डिग्री मिल जाती है और वह मास्टर्स डिग्री हासिल करने में जुट जाता है।
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Shahid kapoor's expressions |
एक दिन प्रीति के पिता दोनों को किस करते हुए देख लेते हैं और बेहद नाराज होते हैं। चूंकि वे प्यार व्यार जैसी चीज़ों को गलत मानते हैं इसलिए वे दोनों के रिश्ते का विरोध करते हैं। प्रीति को कबीर 6 घंटे का समय देता है। यदि वह उसके साथ नहीं आएगी तो वो ये रिश्ता खत्म कर देगा।
प्रीति का फोन प्रीति के पापा द्वारा जब्त कर लिया जाता है। उसके माता-पिता इस कोशिश में लग जाते हैं कि वह किसी भी तरह कबीर से नहीं मिल पाए। प्रीति के माता पिता उसे खूब समझाते हैं और फिर हालात कुछ ऐसे बन जाते हैं कि प्रीति की शादी और कहीं तय कर दी जाती है।
इसके बाद कबीर बेहताशा शराब पीने लगता है, नशा करने लगता है हर तरह के ड्रग्स लेने लगता है। नशे में सर्जरी करने लगता है। कुल मिलाकर एक अच्छा खासा इंसान अपनी ज़िंदगी को तबाह करने लगता है।
दोस्तो क्या प्रीति कबीर को मिल पाएगी या फिर कबीर सुधर जायेगा? इन सभी प्रश्नों के जवाब तो आपको फ़िल्म देखने पर ही मिलेंगे।
KABIR SINGH KE SIDE EFFECTS
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No smoking |
दोस्तो पूरी फ़िल्म बहुत अच्छी है। सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है और क्रिटिक्स ने भी सराहना की है। परन्तु इस फ़िल्म को आज के युवा ग़लत दिशा में ले रहे हैं। फ़िल्म देखने के पश्चात कई युवा ये समझने लगते हैं कि अब तो वही कबीर सिंह है और वो धूम्रपान करने लगते हैं शराब पीने लगे हैं।
आपकों बताना चाहूँगा कि ये फ़िल्म पूर्णतया मनोरंजन के लिए बनाई गई है तो इसे देखकर सिर्फ अच्छी चीज़ें ग्रहण करने की कोशिश करें।