Tuesday, July 9, 2019

Kabir singh movie reviews

                               KABIR SINGH MOVIE ANALYSIS



कबीर सिंह मूवी एनालिसिस
KABIR SINGH SUPERHIT MOVIE





दोस्तों अभी हाल ही में  रिलीज हुई  फ़़िल्म "कबीर सिंह" ने चारों ओर धूम मचा रखी है। आपकों जानकारी के लिए बता दें कि ये फ़िल्म तेलुगू फ़िल्म, अर्जुन रेड्डी (2017) का रीमेक है। इस फ़िल्म में शाहिद कपूर तथा कियारा आडवाणी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। इस फ़िल्म को भी तेलुगू निर्देशक संदीप वांगा ने ही बनाया है।
दरअसल तेलुगू फ़िल्म अर्जुन रेड्डी सुपरहिट रही लेकिन संदीप वांगा ने ये सपने में भी नहीं था कि ये फ़िल्म भी इतनी बड़ी करेगी।

फ़िल्म की कहानी है कबीर सिंह (शाहिद कपूर) की जो कि बहुत ज्यादा गुस्सैल है। इस वजह से आए दिन वह विवादों में उलझता रहता है। वह फाइनल ईयर MBBS मेडिकल स्टूडेंट है। 

Kabir singh movie analysis
कियारा आडवानी, शाहिद कपूर फ़िल्म के एक दृश्य में। 



इसी कॉलेज में प्रीति (किआरा आडवाणी) फर्स्ट ईयर स्टूडेंट है। प्रीति को देखते ही कबीर का दिल उस पर आ जाता है। वो उसे दिलोंजान से प्यार करने लगता है और इसी के चलते कॉलेज में सभी विद्यार्थियों को धमकी देता है कि प्रीति सिर्फ उसकी है अगर किसी ने उसे परेशान किया तो उस से बुरा कोई नहीं होगा। 
धीरे-धीरे प्रीति का दिल जीतने में कबीर कामयाब हो जाता है और दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगते हैं। कबीर को एमबीबीएस की डिग्री मिल जाती है और वह मास्टर्स डिग्री हासिल करने में जुट जाता है। 
Kabir singh movie analysis
Shahid kapoor's expressions 


एक दिन प्रीति के पिता दोनों को किस करते हुए देख लेते हैं और बेहद नाराज होते हैं। चूंकि वे प्यार व्यार जैसी चीज़ों को गलत मानते हैं इसलिए वे दोनों के रिश्ते का विरोध करते हैं। प्रीति को कबीर 6 घंटे का समय देता है। यदि वह उसके साथ नहीं आएगी तो वो ये रिश्ता खत्म कर देगा। 
प्रीति का फोन प्रीति के पापा द्वारा जब्त कर लिया जाता है। उसके माता-पिता इस कोशिश में लग जाते हैं कि वह किसी भी तरह कबीर से नहीं मिल पाए। प्रीति के माता पिता उसे खूब समझाते हैं और फिर हालात कुछ ऐसे बन जाते हैं कि प्रीति की शादी और कहीं तय कर दी जाती है। 

Kabir singh movie analysis
KABIR SINGH MOVIE POSTER 


इसके बाद कबीर बेहताशा शराब पीने लगता है, नशा करने लगता है हर तरह के ड्रग्स लेने लगता है। नशे में सर्जरी करने लगता है। कुल मिलाकर एक अच्छा खासा इंसान अपनी ज़िंदगी को तबाह करने लगता है। 
दोस्तो क्या प्रीति कबीर को मिल पाएगी या फिर कबीर सुधर जायेगा? इन सभी प्रश्नों के जवाब तो आपको फ़िल्म देखने पर ही मिलेंगे।


                                     KABIR SINGH KE SIDE EFFECTS

 


Kabir singh movie download
No smoking 

दोस्तो पूरी फ़िल्म बहुत अच्छी है। सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है और क्रिटिक्स ने भी सराहना की है। परन्तु इस फ़िल्म को आज के युवा ग़लत दिशा में ले रहे हैं। फ़िल्म देखने के पश्चात कई युवा ये समझने लगते हैं कि अब तो वही कबीर सिंह है और वो धूम्रपान करने लगते हैं शराब पीने लगे हैं।
आपकों बताना चाहूँगा कि ये फ़िल्म पूर्णतया मनोरंजन के लिए बनाई गई है तो इसे देखकर सिर्फ अच्छी चीज़ें ग्रहण करने की कोशिश करें। 

Monday, July 1, 2019

Gulabi note गुलाबी नोट


                                                     गुलाबी नोट

      
इन रंगीन नोटों ने कइयों का ईमान बिगाड़ा है। 



शाम को लड़की ने थाने में रिपोर्ट लिखवाई कि उसके साथ शादी का झांसा देकर बलात्कार किया गया है और मारपीट भी की गई। तुरंत कार्रवाई हुई और लड़के को पकड़ कर थाने में बन्द कर दिया गया। अगले दिन सुबह-सुबह थानेदार की टेबल के बाईं तरफ लड़की और उसके माता-पिता थे और दाईं तरफ लड़का और उसके माता-पिता। चाय मंगवाई गई। चाय पीते पीते गुलाबी नोटों का  बंडल दाईं तरफ से बाईं ओर खिसका दिया गया। अगले ही पल दोनों पक्ष चेहरे पर मुस्कुराहट लिए बाहर निकले।

Gulabi note, गुलाबी नोट

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Direct Download link /Best movie I have ever seen "Black hawk down"

Black hawk down movie in hindi download
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ब्लैक हाॅक डाउन (अंग्रेजी; Black Hawk Down) वर्ष २००१ की ब्रिटिश-अमेरिकी युद्ध आधारित फ़िल्म है जिसका निर्देशन व सह-निर्माण रिड्ली स्काॅट द्वारा किया गया है। फ़िल्म की पटकथा केन नोलान ने लिखी है जो इसी समान नाम की किताब पर आधारित है जिसे मार्क बाॅडेन, फिलाडेल्फिया इन्कवायरिर में प्रकाशित आलेख सिरिज के आधार पर लिखा था। इस २९-भागों की श्रंखला के इतिहास में दर्ज १९९३ को घटित मोगादिशु में हुए अमेरिकी सैनिकों की छापेमारी पर केंद्रित है जिनका मकसद विरोधी नेता मोहम्मद फराह अदीद को धर-पकड़ना था और उसके बाद जंग छिड़ जाती है, जिसे मगादिशु का युद्ध कहा जाना गया। फ़िल्म में लगभग कई नामी अदाकारों को कास्टिंग की गई है जिनमें, जोश हर्नेटएरिक बाना, इवान मैक'ग्रेगाॅर, टाॅम सिज़मोर, विलियम फिचनेर, जैसन आइज़ैक, टाॅम हार्डी, एवं सैम शेफर्ड तक शामिल हैं। फ़िल्म को ७४वें अकादमी अवार्ड की ओर से बतौर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म संपादन एवं सर्वश्रेष्ठ ध्वनि मिश्रण के खिताब से नवाजा गया है। [2] फ़िल्म को अमेरिकी फ़िल्म आलोचकों द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने बाद भी, कई विदेशी समूहों एवं सैन्य आधिकारिक समूहों से बहुत नकारात्मक समीक्षा भी मिली। [3]





Dosto ek samay hota tha jab hum log Kahaniya , kavita sunna pasand karte the parntu abhi ke samay me log apni bhagdod ki zindagi me kuch jyada hi busy hote hain jyo unhe samay nahi mil pata. Plz apni zindagi ko achhe se jiye kahaniya padhe.





हम कैसे से विश्वगुरू? Hum kaise visvaguru?

 

                           हम कैसे विश्वगुरू? 



हम कैसे विश्वगुरू? Hum kaise visvaguru?
परिवर्तन जरूरी है पर किस कीमत पर  

कोन कहता है हम विश्वगुरू हैं?
पहाड़ कटके इमारते बन गई, 


जंगल कटके खिड़की दरवाजे बन गये

कल के बीहड़ आज के शहर हो गये, 


नदियां नाले हो गई तालाब काले हो गये

झीले गई सूख समन्दर और शक्तिशाली हो गये


कल तक जंगल में रहने वाले जानवर, 


आज हम सबके घरवाले हो गए

तोड़ घर उनका ही कहते, 


जानवर कैसे मतवाले हो गये 

गला घोंट लालची जंगल का, 


कहते आज हम शहर वाले हो गये

साथ-साथ थे ज्यों वो हमसाये हो गये, 


मुंह बोले अपने और अपने पराये हो गये 

भाई-भाई आज मन्दिर-मस्जिद वाले हो गये


उड़ा खिल्ली तहज़ीब-संस्कारों की,

चार किताबें पढ़ नये ज़माने वाले हो गये


सही गलत की समझ नहीं, 


कैसे समझाने वाले हो गये 

कल जिनके कन्धों पर बैठ घूमें थे, 


दिखा आँख कहते, 

आज हम कमाने वाले हो गये 


दो दिन पहले झूकें थे शीश,

उठा उगंली शिक्षक से कहते 


गूरु हो तुम भूत, 

अब हम भविष्य वाले हो गये


संभव को बना असम्भव, 


नित मौत के मेले प्रारम्भ हो गये 

मुहं भीचें-आँखे मिचें, 


हम कैसे विश्वगुरु बनना आरंभ हो गये?

हम कैसे विश्व गुरु बनना शुरू हो गये?